दोस्त आज के इस लेख में आपको बताने वाला हूं कि URL kya hota hai और URL का आविष्कार किसने किया और कितने प्रकार के होते हैं और URL को कितने भागों में बांटा गया है उन सभी के नाम अगर आप नहीं जानते हैं तो इस लेख को लास्ट तक जरूर पढ़ें
इंटरनेट पर जो कुछ भी डाटा रखा हुआ है उसे एक्सेस करने के लिए हर किसी resources का अलग-अलग लोकेशन है और उस लोकेशन को हम URL कहते हैं और हर किसी resources का URL अलग अलग होता है
URL full form
URL का फुल फॉर्म UNIFORM RESOURCE LOCATOR (यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर) होता है
URL क्या है (What is URL in Hindi)
URL एक Web Page Address होता है जिसे इंटरनेट पर किसी Web Page File या किसी दूसरे ऑनलाइन Resource के लोकेशन को पता करने के लिए यूज किया जाता है
URL में Web Page का डोमेन नेम, प्रोटोकॉल (http, https ftp, etc) ,path, file name ,query string और fragment identifiers शामिल होता है URL हर एक Web Page की unique-identity होती है
URL में Protocol के प्रकार
URLके कुछ popular type है
HTTP
यह URL इंटरनेट पर सबसे common use किया जाने वाला URL है https URL के यूज़ से वेबसाइट के Web Page को एक्सेस किया जाता है लेकिन यह सिक्योर नहीं होता है
HTTPS
https भी http की तरह वर्क करता है लेकिन यह encrypted कनेक्शन पर Based होता है https URL connection sensitive डाटा को secure तरीके से ट्रांसफर किया जा सकता है
FTP
FTP URL से फाइल को ट्रांसफर किया जाता है जैसे कि इमेज वीडियो सॉफ्टवेयर आदि
Maito
MAITO url ईमेल मैसेज को सेंड किया जा सकता है इस URL में email address, subject, body आदि को डिफाइन किया जाता है
File
फाइल URLसे लोकल फाइल को एक्सेस किया जाता है
जहां की file:///c:/example.txt.
URL के भाग के (Componet of URL)
Protocol
protocol URL का सबसे पहला भाग होता है यह वेब ब्राउज़र को बताता है कि वेबपेज को किस तरह से receive करना है जैसे कि http, https, ftp आदि
Domain name
Domain name URL का दूसरा भाग होता है यह web-server का address होता है जहां से Web Page receive करता है Domain name को ‘ .‘ से सेपरेट किया जाता है right most part को top level domain कहा जाता है जैसे कि .com, .org, .edu आदि
Path
Path URL का तीसरा भाग होता है यह Web Page के particular लोकेशन को डिफाइन करता है जहां से Web Page को प्राप्त करना है
fragment identifier
fragment identifier URL का लास्ट पार्ट होता है यह Web Page का special session को identify करता है जिस पर यूजर jump करना चाहता है जैसे कि heading, paragraph, image आदि
URL का इतिहास
URLका इतिहास बहुत ही दिलचस्प है पहले इंटरनेट पर किसी वेबपेज या ऑनलाइन resources को प्राप्त करने के लिए यूजर Web Page का IP Address याद रखना होता था लेकिन IP Address याद रखना बहुत ही मुश्किल था इसलिए Tim Berners-Lee ने 1991 में URL concept को Develop किया था
URL के प्रकार
URLके मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं
- Absolute url
- Relative url
1. Absolute url
यह कंपलीट वेब एड्रेस होता है जिससे कि वेबपेज ऑनलाइन Resource को direct access किया जा सकता है इस URL में protocol, domain name, text query string और fragment identifier शामिल होते हैं
संपूर्ण URLका यूज़ किसी दूसरे web page या जो ऑनलाइन resource को लिंक करने के लिए किया जाता है URL में वेबपेज या resources के Exact लोकेशन का पता होता है इसलिए यूजर को वेबपेज केparticular location को मैनुअली सर्च नहीं करना पड़ता है
Relative URL
Relative URL Incomplete web address होता है जिससे Web Page या ऑनलाइन resources को डायरेक्ट एक्सेस नहीं किया जा सकता है Relative URL में वेबपेज या resources के Relative location का पता होता है इसलिए यूजर को वेबपेज के specific location को मैनुअली सर्च करना पड़ता है
Relative URLका यूज़ वेबसाइट के Internal page को Link करने के लिए किया जाता है रिलेटिव URL मे Protocol और Domain name नहीं होता है सिर्फ Path, query-string और फ्रेगमेंट आईडेंटिफायर शामिल होते हैं
Example:
अगर वेबसाइट के Home Page से About Page को Link करना है तो उसे Relative URL Provide करना होगा जैसे कि /about.html?query=value#fragment
URL shorting क्या है
URL Shorting एक प्रोसेस है है जिसमें एक लंबा URL को छोटा और कंप्लीट URL में कन्वर्ट किया जाता है शॉर्ट URL में ओरिजिनल URL के कुछ character को रिमूव किया जाता है
इसलिए Short URL का length ओरिजिनल URL से बहुत छोटा होता है URL Shorting का यूज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ईमेल मैसेजिंग और बहुत सारे प्लेटफार्म पर यूज किया जाता है
URL Shorting का यूज़ शेयर करने के लिए किया जाता है जहां ओरिजिनल URLबहुत लंबा होता है और लिंक को शेयर करना मुश्किल हो जाता है Short URL को कॉपी करके Link को शेयर किया जा सकता है
URL Shorting वेबसाइट
- Bitly
- TinyURL
- ow.ly
Secure URL क्या होता है
Secure URL या https encrypted connection पर Based URL है https protocol यूज़ करके डाटा को secure तरीके से ट्रांसफर किया जा सकता है जिससे यूजर की sensitive information को protect किया जा सकता है Secure URLमें यूजर और सर्विस के बीच एक encrypted connection शामिल होता है जिससे डाटा को Secure तरीके से ट्रांसफर किया जा सकता है
Secure URLका यूज़ वेब ब्राउज़र में sensitive information जैसे कि Password, Credit card details, Personal information को ट्रांसफर करते वक्त किया जाता है https protocol यूज़ करके डाटा को end to end encrypted किया जाता है जिससे यूजर की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को प्रोटेक्ट किया जा सकता है
URL redirection
URL redirection का यूज़ broken link को Fix करने के लिए किया जाता है redirect URL में ओरिजिनल URL को New URL में Point किया जाता है जिससे यूजर को ओरिजिनल URL के लोकेशन से रिलेटेड Web Page के New लोकेशन में redirect किया जा सकता है
URLकी विशेषता
- Unique identifie
- किसी भी डाटा को एक्सेस कर पाना
- स्ट्रक्चर (protocol, domen name, path, query string or fragment identifier)
- Seo friendly
- URL shorting
- Redirection
Conclusion
दोस्तों आशा करता हूं कि आप अच्छे से जान चुके होंगे कि URL क्या होता है अगर आपको अभी भी URL Kya Hota Hai से सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो आप हमें नीचे कमेंट करके अपना डाउट पूछ सकते हैं मैं आपकी पूरी हेल्प करूंगा अगर आपको हमारे लेख के माध्यम से थोड़ी सी भी हेल्प मिली हो तो हमारे पोस्ट को अपने दोस्तों व परिवारों के साथ अवश्य साझा करें
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