Email में CC क्या होता है इसके क्या फायदे है? | CC full form

cc kya hota hai in email in hindi | cc full form

CC क्या होता है?

CC का फुल फॉर्म कार्बन कॉपी होता है जब आप किसी को इमेज सेंड करते हैं और इसी फील्ड में रिसीवर के ईमेल एड्रेस डालते हैं तो रिसीवर को ईमेल का एक कॉपी मिलता है लेकिन दूसरे रिसीवर को भी उनके ईमेल एड्रेस दिखाई देते हैं

CC का इस्तेमाल किसी ईमेल को मल्टीपल रिसीवर के साथ शेयर करते हुए रिसीवर को कोलैबोरेशन को इंप्रूव करने के लिए किया जाता है CC में डाले गए रिसीवर को पता चलता है कि ईमेल के और भी रिसीवर हैं जिन्हें ईमेल भेजा गया

 

सीसी क्या काम आता है

CC का इस्तेमाल किसी ई-मेल को मल्टीपल रिसीवर के साथ शेयर करने के लिए किया जाता है जब आप किसी को ईमेल सेंड करते हैं और CC में रिसीवर के ईमेल एड्रेस डालते हैं तो रिसीवर को ईमेल का एक कॉपी मिलता है लेकिन दूसरे रिसीवर को भी उनके ईमेल एड्रेस दिखाई देते हैं

CC का इस्तेमाल  मीटिंग, प्रोजेक्ट और टीम वर्क से रिलेटेड Email के लिए किया जाता है इससे रिसीवर को पता चलता है कि ईमेल के और भी रिसीवर है जिन्हें ईमेल भेजा गया है जब आप CC में किसी को डालते हैं तो उन्हें ईमेल के कन टेक्स्ट और कंटेंट के बारे में पता चलता है और वह भी ई-मेल के बारे में इन्फॉर्म रहते हैं

CC का इस्तेमाल भी ईमेल कम्युनिकेशन में ट्रांसपेरेंसी अकाउंटेबिलिटी लाने के लिए किया जाता है इस पर भी होता है कि ईमेल कम्युनिकेशन में ट्रांसपेरेंसी रहती है और रिसीवर को पता चलता है कि ईमेल के और भी रिसीवर आए जिनके साथ में नेटवर्क बनाना चाहते हैं

 

CC का उद्देश्य

CC का उद्देश्य है ईमेल कम्युनिकेशन को इंप्रूव करना और ईमेल के मल्टीपल रिसीवर के साथ नेटवर्क ओर टीम वर्क को प्रमोट करना जब आप किसी भी ईमेल को सेंड करते हैं और सृष्टि में रिसीवर के ईमेल एड्रेस डालते हैं तो रिसीवर को ईमेल का एक कॉपी मिलता है लेकिन दूसरे recevier को भी उनके ईमेल एड्रेस का पता चलता है

शीशे का इस्तेमाल किसी ईमेल को मल्टीपल रिसीवर के साथ चैट करते हुए रिसीवर के साथ को लिबरेशन करने के लिए किया जाता है ईश्वर ईश्वर को पता चलता है कि मेल फीमेल भेजा गया है और ईमेल के बारे में इनफॉर्म रहते हैं CC का इस्तेमाल अक्षर मीटिंग प्रोजेक्ट वर्क से रिलेटेड ईमेल के लिए किया जाता है

 

सीसी में क्या लिखा जाता है

CC में ईमेल के एडिशनल ईमेल एड्रेस लिखा जाता है किसी ने कोई स्पेशल कांटेक्ट नहीं लिखा जाता है आप अपना ईमेल लिखने के बाद इसी फील्ड में रिसीवर के ईमेल एड्रेस लिख सकते हैं जिन्हें आप ईमेल के एडिशनल copy भेजना चाहते हैं

यदि आप किसी के साथ नेटवर्क बना रहे हैं तो सिरसी में उनके सुपरविजन या मैनेजर के ईमेल एड्रेस को भी ऐड कर सकते हैं ताकि वह भी ईमेल कम्युनिकेशन को देख सके इसी में मल्टीपल रिसीवर के ईमेल एड्रेस डालने का ऑप्शन होता है जिससे आप एक साथ मल्टीपल रिसीवर कोई मेल भेज सकते हैं

 

CC और BCC मे क्या अंतर है

CC और BCC ईमेल कम्युनिकेशन में पार्टिसिपेंट को ईमेल भेजने का एक तरीका है दोनों में कुछ अंतर है

सीसी कार्बन कॉपी

जब आप किसी को ईमेल सेंड करते है और CC में रिसीवर के ईमेल एड्रेस डालते हैं तो रिसीवर को ईमेल का एक कॉपी मिलता है लेकिन दूसरे रिसीवर को भी उनके ईमेल एड्रेस का पता चल जाता है किसी का इस्तेमाल किसी ईमेल को मल्टीपल रिसीवर के साथ शेयर करना है

बीसीसी ब्लाइंड कार्बन कॉपी

आपको BCC का फुल फॉर्म के नाम से ही पता चल गया होगा ब्लाइंड का मतलब दिखाई ना देना इसका मतलब जवाब भी किसी ने ईमेल के एडिशनल रिसीवर के ईमेल एड्रेस डालते हैं लेकिन रिसीवर को नहीं पता चलता है कि ईमेल को और कौन-कौन से पार्टिसिपेंट रिसीव कर रहे हैं यदि आप बीटीसी में किसी को ऐड करते हैं तो वह रिसीवर को नहीं पता चलेगा कि ईमेल के और कोई रिसीवर है या नहीं

 

FAQ

क्या सभी रिसीवर को शीशे में ऐड करना जरूरी है

नहीं सभी रिसीवर को CC में ऐड करना जरूरी नहीं है CC में ओनली वह रिसीवर ऐड कीजिए जिन्हें आप ईमेल भेजना चाहते हैं

क्या रिसीवर को उनके बीच इसी में ऐड होने का पता चलता है

नहीं रिसीवर को उनके BCC में ऐड होने का पता नहीं चलता है BCC में ईमेल के एडिशनल रिसीवर के ईमेल एड्रेस डाले जाते हैं लेकिन रिसीवर को पता नहीं चलता है कि ईमेल को और कौन-कौन से पार्टिसिपेंट रिसीव कर रहे हैं

Give 5 Star Rating

Leave a Comment